Pregnant महिलाओं को अक्सर कई तरह के मिथ सुनने को मिल जाते हैं, जिन पर यकीन करने से पहले कई बार सोचना चाहिए और डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।
Leading Bharat: लाइफस्टाइल: प्रेगनेंसी में महिलाओं को हर कदम फूंक-फूंक कर रखना पड़ता है। इस बीच कई तरह की बातें सुनने-पढ़ने को मिल जाती हैं। ऐसी ही बातों में से एक है हेयरकट को लेकर एक कंफ्यूजन। प्रेगनेंट महिला को अपने सफर के दौरान कई तरह के एहतियत बरतने पड़ते हैं। एक दावे में ऐसा भी सुझाया गया है कि प्रेगनेंट महिलाओं को बाल नहीं कटवाने चाहिए क्योंकि इससे कोख में बच्चे की आंखों की रोशनी पर बुरा असर पड़ सकता है। इस पर हम आपको सुझाव देना चाहेंगे कि कही-सुनी बातों पर कतई भरोसा ना करें और डॉक्टर्स की सलाह लेने के बाद ही फैसला लें।
प्रेगनेंट महिला के हेयरकट का बेबी पर असर पड़ने को लेकर बातें तो कई तरह की होती हैं लेकिन सभी बातों पर यकीन करने के बजाए आपको कंफ्यूजन की हालत में डॉक्टर्स की सलाह लेनी चाहिए। कई महिलाएं प्रेगनेंसी में इस मिथ की वजह से बाल नहीं कटवाती हैं कि कहीं बच्चे की आंख की रोशनी कम ना हो जाए लेकिन अभी तक इसका कोई साइंटिफिक फैक्ट साबित नहीं हो सका है। हालांकि, कई डॉक्टर्स इनफेक्शन से एहतियात बरतने के लिए शुरुआत के 3 महीनों में ऐसा करने से मना करते हैं।
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प्रेगनेंसी की बात करें तो पहले 3 महीने बेहद अहम होते हैं। इन महीनों में भ्रूण की ज्यादातर संरचनाएं तैयार हो चुकी होती हैं। तीसरे महीने में भ्रूण का सिर अभी भी बाकी शारीरिक संरचना से बड़ा ही होता है लेकिन चेहरे के फीचर्स विकसित होने लगते हैं। पूरी प्रेगनेंसी, खासकर 3 महीनों में अपना सबसे ज्यादा ख्याल रखें, स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से लेकर डायट तक के लिए डॉक्टर के संपर्क में लगातार बनी रहें।
Disclaimer: लीडिंग भारत के इस आर्टिकल का उद्देश्य सिर्फ एक सामान्य सूचना है। इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। किसी भी तरह की परेशानी या कंफ्यूजन की स्थित में फौरन डॉक्टर्स से संपर्क करें।